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Friday, November 22, 2019

पालस पत्रकारा क सम्मान का रखें विशेष ध्यान - डीजीपी

एटा संवाद। सौरवेन्द्र यादव सिंगसहाव लम्बे समय से पत्रकारों और उनके परिजनों के साथ तरह तरह से हो रहे उत्पी?न के कारण प्रेस कार्य में आ रही अडचनों को देखते हुये शासन ने सराहनीय कदम उठाते हये प्रेस से जु? लोगों को बही राहत दी हैं 7 शासन ने पत्रकारों की समस्याओं को गम्भीरता से लेते हये प्रदेश के सभी जनपदों के एसएसपी और एसपी को आदेशित किया हैं कि पत्रकारों के मान सम्मान का विशेष ध्यान रखा जाये 7 डीजीपी कार्यालय से जारी आदेश के अनुसार समस्त पुलिसजन पत्रकारों के आने पर उन्हें यथा सम्भव सम्मान दें साथ ही पत्रकार और उनके परिजनों को आकारण केसों में नामित न होने दें, अगर कोई प्रकरण आये तो उसकी जांच राजपत्रित अधिकारी से की जाये, डीजीपी कार्यालय से जारी आदेश में पत्रकारों को समाचार संकलन करने में सहयोग और जनपद स्तर पर पत्रकारों की समस्याओं का निराकरण करने के लिये एक सक्षम अधिकारी पृथक से नामित करने के निर्देश भी जारी किये गये हैं 7 हालांकि प्रदेश पलिस मुख्यालय से जारी निर्देश भारतीय पत्रकार वेलफेयर एशोसियेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिवाकर सिहं द्वारा हाल ही में उठायी गयी पत्रकारहित की मांग को स्वीकार करते हुये जारी किये गये हैं 7 जिसके तहत प्रदेश पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था उत्तर प्रदेश द्वारा जारी इस सराहनीय आदेश के बाद जहां प्रेस जगत से जुड़े कलमकारों में हर्ष हैं वहीं मीडिया बन्धुओं ने शाशन के इस सराहनीय कदम का स्वागत भी किया हैं शासन की इस सराहनीय पहल पर तमाम पत्रकारों और पत्रकार संगठनों ने शोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि प्रदेश पुलिस मुखिया की इस पहल से पत्रकारों को और अधिक पारदर्शी पत्रकारिता करने के अवसर प्राप्त होंगे।


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जीवन में जो भी आपत्ति विपत्ति आए, उसे घबराना नहीं चाहिए: साध्वी

कानपुर। नवज्योति रामलीला पर समिति,न्यू आजाद नगर, द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्री भागवत कथा के पांचवे दिन साध्वी कंचन दीदी श्री भागवतकथा व्यास ने बताया कि कृष्ण के शैशव काल से ही जीवन मे अनेक प्रकार की आपत्तियां आयीं , पर हर विपत्ति का सामना उन्होंने हंसते हंसते किया तथा उन पर विजय पाई। इस बात से संकेत प्राप्त होता है कि जीवन में जो भी आपत्ति- विपत्ति आये उससे घबराना नही चाहिए। बल्कि आत्मबल से हर मुश्किल का चाहिए तथा ये भी बताया कि वासुदेव ने गर्गाचार्य द्वारा नामकरण कराया तथा कुछ समय के पश्चात भगवान कृष्ण ने माता को अपने मुख में पुरे तो 30 दिसंबर ब्राह्मण का दर्शन कराया। इस प्रकार से अनेकों बाल लीला करते हुए अनेकों दुष्टों का वध किया। तथा माखन चोरी जैसी अनेक लीलाएं की जिसे सुनकर भक्तजन मंत्र मुग्ध हो गये। आज की कथा में क्षेत्रीय निवासियों ने भारी संख्या में पहच कर श्री भागवत कथा का रसपान किया और आरती करते हुए प्रसाद ग्रहण किया। इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से संयोजक के के मिश्र, आयोजकों में मृत्युजय मिश्र,तेज नारायण शुक्ल,कमल मश्र,तज नारायण शुक्ल,कमल सचान, सानू जायसवाल, पप्पू शर्मा, राज कुमार राजपूत, अमर सिंह, राजेन्द्र शर्मा, ज्योति मिश्र, सुधा तिवारी, रेखा मिश्र, शिवकान्ति, मंज तिवारी, नर्वदा अग्रवाल,आदि मौजद रहे।


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जेएनयू खशवंत सिंह की किताब को अश्लील करार दे रेल अधिकारी ने बिक्री से रोका, भोपाल रेलवे स्टेशन की घटना

नई दिल्ली। रेल यात्री सेवा समिति के अध्यक्ष पद पर नियुक्त एक राजनीतिक शख्स का क्या अपनी निजी पसंद-नापंसद के आधार पर किसी किताब की बिक्री रोकने का अधिकार है बिक्री रोकने का अधिकार है? भोपाल रेलवे स्टेशन के निरीक्षण के दौरान पीएससी के अध्यक्ष रमेश चंद्र रत्न ने दिग्गज लेखक खशवंत सिंह की किताब 'वूमेन, सेक्स, लव एंड लस्ट % को अश्लील करार देते हए उसकी बिक्री से तुरंत बाज आने को कहा. उनका कहना था कि ऐसा साहित्य भावी पीढयों को बिगाड़ रहा है. गौरतलब है कि रमेश चंद्र रत्न बीजेपी के नेता होने के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट में वकील भी रहे हैं. रत्न ने इसके साथ ही स्टेशन के बैंडर से ऐसा अश्लील साहित्य बेचने से बाज आने को कहा. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर आगे वह ऐसी किताबें बेंचते हए पकडा गया तो उस पर जर्माना लगाया जाएगा और उचित कार्रवाई की जाएगी. रत्न ने इसके साथ ही गर्भवास्था पर जानकारी देती एक किताब को भी बक शेल्फ से हटाने को कहा. उनका कहना था कि बक स्टोर पर हर तरह के लोग किताबें खरीदने पहुंचतते हैं. ऐसे में भावी पीढयों को बिगाड़ने वाले साहित्य की बिक्री नहीं होनी चाहिए. ताज्जुब की बात यह थी कि जब उन्हें बताया गया कि जिस किताब पर उन्होंने आपत्ति दर्ज की है, वह एक ख्यात लेखक की किताब है, जिन्हें प्रतिष्ठि नागरिक सम्मानों से नवाजा जा चुका है. इसके जवाब में रमेश रत्न ने कहा, %भले ही लेखक कोई भी हो... मैं साफ कर देना चाहता हूं कि कानन के लिहाज से इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती है.यह रेलवे का स्टॉल है, जो नियम- कायदों और सिया से ही चलेगा. गौतरलब है कि लगभग दो महीने पहले रत्न ने नई दिल्ली सेशन का निरीक्षण करते हुए चेतन भगत की किताब हाफ गर्लफ्रैंड को भी ऐसे ही आरोपों के चलते बक शेल्फ से हटाने के आदेश दिए थे. 


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गन्ना किसानों को दिया ये खास तौहफा साएमयागा आदित्यनाथन 30 हजार

  बस्ती। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को बस्ती स्थित मुंडेरवा चीनी मिल का उद्घाटन किया। इसके साथ ही 21 सालों से बंद पड़ी यह चीनी फिर से चालू हो गई है। इस मिल को चालू कराने को लेकर 2002 में हुए आंदोलन में तीन किसान मारे गए थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मिल के उद्घाटन के बाद मारे गए तीन दिवंगत किसानों को श्रद्धांजलि दी। अप्रैल 2-19 में इस मिल का का ट्रायल हुआ था अब उद्घाटन के बाद विधिवत इस मिल का संचालन शुरु हो जाएगा। बता दें कि पूर्वांचल के गन्ना बेल्ट के बस्ती जिले में स्थित यह चीनी मिल 1998 में बंद कर दी गई थी। मिल बंद होने के साथ ही इससे जुडे हजारों किसानों और व्यापारियों की खुशी भी छिन गई थी। इसके विरोध में चले लंबे आंदोलन के दौरान 2002 में तीन किसानों की मौत हो गई थी।


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पुलिस पिटाई में घायल जेएनयू छात्र शशिभूषण समद के चाचा हैं बीजेपी किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष

गोरखपुर संतकबीरनगर। जेएनयू में हॉस्टल फीस वृद्धि के खिलाफ चल रहे आंदोलन में पुलिस की पिटाई से घायल छात्र शशिभूषण 'समद' के चाचा और संतकबीरनगर के भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष अनिल पांडेय का दर्द फेसबक के जरिए सामने आया है। उन्होंने अपने भतीजे और जेएनयू स्टूडेंट्स के बारे में सोशल मीडिया में चल रही 'देशद्रोही' और 'गद्दार' जैसी टिप्पणियों पर दुख और गुस्सा जाहिर करते हुए अपनी फेसबक पोस्ट में लिखा कि 'जेएनयू में यदि देशद्रोही हैं तो मैं और मेरा परिवार क्या है।' अनिल पांडेय की इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया में नई बहस छिड़ गई है। उन्होंने कहा कि उनका परिवार जनसंघ के जमाने से भाजपा से जुड़ा हुआ है। परिवार के के कई सदस्य सेना में हैं। जेएनयू सदस्य में भतीजा पढ़ रहा है। वह वहां जैसी टिप्पणियों पर दुख और छात्रसंघ का सदस्य भी है। फीस वृद्धि को लेकर चल रहे आंदोलन में उसकी क्या भूमिका है वह नहीं जानते लेकिन संसद मार्च के दिन हुए लाठीचार्ज की घटना के बाद से परिवार परेशान था। रात में आठ बजे के आसपास फेसबुक पर अपलोड एक तस्वीर में वह घायलावस्था में एम्स में इलाज कराता हुआ दिखा। इस फोटो को देखने के बाद परिवार में सन्नाटा छा गया। शशिभूषण समद का मोबाइल स्विच ऑफ , आ रहा था। काफी कोशिशों के किताब को अश्लील करार किसान मोर्चा बाद रात 11 बजे के आसपास एक डॉक्टर के जरिए उसे एम्स ले जाने वाले साथी से बात हुई। रात एक बजे समद से बात हो पाई। तब जाकर परिवार को थोड़ी तसल्ली हुई। अनिल पांडेय ने बताया कि घटना के बाद से समद से उनकी फोन पर ही बात हो पा रही है। समद ने ही परिवार के लोगों को दिल्ली आने से यह कहते हुए मना कर दिया कि किसी को परिसर में जाने नहीं दिया जा रहा है। दिल्ली में रहने वाले कुछ परिचितों को वहां भेजा गया लेकिन वे भी समद से नहीं मिल पाए। अनिल पांडेय ने यन बताया कि समद की आंखों की रोशनी दो-तीन साल की उम्र में ही चली गई थी। समद ने गोरखपुर के लालडिग्गी अंध विद्यालय से कक्षा आठ, वाराणसी के हनुमान प्रसाद पोद्दार अंध विद्यालय से हाईस्कूल-इंटरमीडिएट और बीएचयू से बीए की पढ़ाई का। हर क्लास में उनकी रेक आती रही। इसके बाद वह आईएएस का तयारा क लिए दिल्ला चल गए। बाद में एमए इतिहास में जेएनय में दाखिला ले लिया। ।। समद के पिता का देहान्त 2007 में हो गया था।


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कश्मीर में पाबंदियों पर हर सवाल का जवाब दे प्रशासनः सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। सप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को जम्मू कश्मीर प्रशासन से कहा कि उसे पूर्ववर्ती राज्य से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद वहां लगाए गए प्रतिबंधों के बारे में हर सवाल का जवाब देना होगा। न्यायमूर्ति एन वी रमन के नेतृत्व वाली पीठ ने प्रशासन की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि प्रतिबंधों को चुनौती देने वाली बाला याचिकाओं में व्यापक पैमाने पर तर्क दिए गए हैं और उन्हें सभी सवालों का जवाब देना होगा। पीठ में न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति बी आर गवई भी शामिल हैं। इसने कहा, 'मिस्टर दे प्रशासनः मेहता, आपको याचिकाकर्ताओं के हर सवाल का जवाब देना होगा जिन्होंने विस्तार में तर्क दिए हैं । आपके जवाबी हलफनामे से हमें किसी नतीजे पर पहुंचने में कोई मदद नहीं मिली है। यह संदेश न दें कि आप इस मामले पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे रहे हैं। मेहता ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने प्रतिबंधों पर जो भी बात कही है, वह ज्यादातर जाभा बात कहा ह, वह ज्यादातर गलत है और अदालत में बहस के दौरान वह हर बात का हर पहलू से जवाब देंगे। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि उनके पास मामले की स्थिति रिपोर्ट है लेकिन उन्होंने अभी वह अदालत में दाखिल नहीं की है क्योंकि जम्मू कश्मीर में हर रोज हालात बदल रहे हैं तथा रिपोर्ट दाखिल करने के समय वह एकदम वास्तविक हालात का ब्योरा देना चाहते हैं।मामले की सुनवाई शुरू होते ही पीठ ने कहा, %हम जम्मू कश्मीर के मामले में किसी हिरासती मामले की सुनवाई नहीं कर रहे हैं। हम इस समय दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे हैं जो अनुराधा भसीन और गुलाम नबी आजाद ने दायर की हैं। ये आदि से जुड़ी हैं। इसके साथ ही पीठ ने कहा कि केवल एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लंबित है जो कि एक कारोबारी की हिरासत के खिलाफ है क्योंकि क खिलाफ ह क्याकि याचिकाकर्ता ने उच्चतम न्यायालय के साथ ही जम्मू न्यायालय क साथ हा जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय में भी यह याचिका दाखिल की थी। पीठ ने कहा, अब उन्होंने उच्च न्यायालय से याचिका वापस ले ली है और यहां दाखिल याचिका ला हे आर यहा दाखल याचका लंबित है।


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दिल्ली सरकार ने मास्क बांटकर भषाचार किया. गोयल

 देशभर में खासकर दिल्ली में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंचने के मामले में राज्यसभा में गुरुवार को कुछ सदस्यों के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा हो रही है। राज्यसभा की संशोधित कार्यसूची में इस विषय को लोकहित के महत्वपर्ण विषय पर पेश ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के लिये सूचीबद्ध किया गया। इस प्रस्ताव का नोटिस भाजपा सदस्य आरके सिन्हा, विजय गोयल और केजे अलफोंस ने दिया है। उल्लेखनीय है कि वाय प्रदषण के मद्दे पर आवास एवं I शहरी मामलों के मंत्रालय की विभाग संबंधी संसद की स्थायी समिति ने भी बधवार को ने पर्यावरण मंत्रालय सहित अन्य संबट केंदीय एजेंसियों से इस दिशा में किए गए उपायों की समीक्षा की थी। उच्च सदन में शासन ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के माध्यम से यह विषय पर्यावरण ची के संज्ञान में लाया जा सकेगा। इसके अलावा भाकपा ने भी राज्यसभा में नियम 267 के तहत कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस देकर भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन सहित सार्वजनिक क्षेत्र की पांच कंपनियों में सरकार की पूरी हिस्सेदारी बेचे जाने के मद्दे पर चर्चा कराने की माँग की है। राजस्थान ने बीजेपी सांसद विजय गोयल ने कहा. प्रदूषण पर चर्चा इसलिए हो रही है कि राजधान प्रदूषित हो गई है। केन्द्र सरकार ने बहत कळ किया है लेकिन दिल्ली सरकार ने कछ नहीं किया। 10 हजार से ज्यादा लोग सांस लेने के चलते मर गए। आज सांस लेना 25 सिगरेट के बराबर है। दिल्ली सरकार ने 50 लाख मास्क बांटकर भ्रष्टाचार कर दिया है। दिल्ली में जल प्रदषण इतना ज्यादा है कि बोतल का पानी पीना पड रहा है।


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